चांद सितारे देख के टूटती -बिखरती हैं! चांद सितारे देख के टूटती -बिखरती हैं!
"मैं" और वो "मैं" और वो
मिलते रहिए, कि मिलते रहने से मिलते रहने का सिलसिला हूँ मैं। मिलते रहिए, कि मिलते रहने से मिलते रहने का सिलसिला हूँ मैं।
मैं क्या करता, उन्हें सब कुछ ध्यान था, उन्हें मेरा हर पल पूरा ख्याल था। अटूट हम दोनों मे चाहत थी । श... मैं क्या करता, उन्हें सब कुछ ध्यान था, उन्हें मेरा हर पल पूरा ख्याल था। अटूट हम ...
ये रात औऱ है,औऱ वो रात औऱ थी.... ! ये रात औऱ है,औऱ वो रात औऱ थी.... !
कैसे भुलूँ वो रात जमीं -आसमाँ मिल रहे थे जिस रात । उफ़्फ़ कैसे भूला दूँ वो रात, हुस्न था कैसे भुलूँ वो रात जमीं -आसमाँ मिल रहे थे जिस रात । उफ़्फ़ कैसे भूला दूँ वो रात,...